Arvindasava Patanjali Benefits in Hindi Language
Arvindasava Patanjali Benefits in Hindi: पतंजलि दिव्य अरविंदासव एक ओवर-द-काउंटर आयुर्वेदिक दवा है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से पोषण संबंधी कमियों के उपचार के लिए किया जाता है। इसके अलावा कुछ अन्य समस्याओं के लिए भी पतंजलि दिव्य अरविंदासव का उपयोग किया जा सकता है। उनके बारे में विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।
पतंजलि दिव्य अरविंदसव के मुख्य घटक आंवला, अर्जुन, हरितकी (हरड़), जटामांसी, उशीरा, वाचा, बहेरा हैं जिनकी प्रकृति और गुणों का उल्लेख नीचे किया गया है। पतंजलि दिव्य अरविंदासव की उचित खुराक रोगी की उम्र, लिंग और पिछले स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी खुराक अनुभाग में विस्तार से दी गई है और एक बात क्या आपको पतंजलि आयुर्वेद दवा के फायदे लिस्ट और उपयोग की जरुरत हैं होगी तो जरूर इस लेख को पढिये येह पर आपके लिए पतंजली की सारी दवा, फायदे और उपगोग लिखे गये हैं।
अरविंदसव सिरप क्या है?
अरविंदासव सिरप एक आयुर्वेदिक और हर्बल दवा है जो अरविंद यानी कमल के फूल से तैयार की जाती है, इसलिए इस दवा को अरविंदासव कहा जाता है। यह दवा शिशुओं और बच्चों के लिए टॉनिक के रूप में प्रयोग की जाती है और पाचन समस्याओं वाले बच्चों को दी जाती है।
अरविन्दासव बच्चों के कई रोगों को दूर करता है। बच्चों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है, बच्चों की पाचन शक्ति को बढ़ाकर उनकी भूख में सुधार करता है और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को भी सही रखता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अरविंदसव शिशुओं और बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है।
हालांकि अरविन्दासव का उपयोग वयस्क लोगों के कुछ रोगों में किया जाता है। लेकिन मुख्य रूप से इस दवा का उपयोग बच्चों के विभिन्न रोगों में ही किया जाता है, जैसे बच्चों में बार-बार होने वाली खांसी, कब्ज, भूख न लगना, दस्त और हड्डियों की कमजोरी जिसे रिकेट्स कहते हैं, आदि के इलाज में। दवा बहुत अच्छा काम करती है।
Arvindasava Patanjali Benefits in Hindi
अरविन्दासव की सामग्री और सामग्री के नाम मात्रा
सफेद कमल
- 48 ग्राम
खुशी
- 48 ग्राम
बजरी की छाल
- 48 ग्राम
नीलकमली
- 48 ग्राम
मजीठ
- 48 ग्राम
छोटी इलायची
- 48 ग्राम
खरेंटिमूल
- 48 ग्राम
Jatamansi
- 48 ग्राम
नगरमोथा
- 48 ग्राम
काला अनंतमूल
- 48 ग्राम
हराडी
- 48 ग्राम
बहेरा
- 48 ग्राम
पलायन
- 48 ग्राम
करौंदा
- 48 ग्राम
कचूर
- 48 ग्राम
काली निसोतो
- 48 ग्राम
नील बीज
- 48 ग्राम
पटोल पत्र
- 48 ग्राम
पित्तपाड़ा
- 48 ग्राम
अर्जुन की छाल
- 48 ग्राम
मुलेटी
- 48 ग्राम
महुआ फूल
- 48 ग्राम
मुरा (जटामांसी नहीं मिली तो)
- 48 ग्राम
किशमिश
- 960 ग्राम
डाई फूल
- 770 ग्राम
चीनी
- 4800 ग्राम
शहद
- 2400 ग्राम
पानी
- लगभग 25 लीटर
बनाने की विधि
- सबसे पहले सूखे अंगूर, सूखे फूल, चीनी और शहद को छोड़कर बाकी सभी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को अच्छी तरह से साफ कर लें और इन्हें पीसकर पाउडर बना लें। इसके बाद ऊपर बताई गई मात्रा के अनुसार बाकी जड़ी-बूटियां यानि सूखे मेवे, चीनी, शहद और पानी मिलाकर इस द्रव्य को किसी कांच के बर्तन में भरकर 1 महीने के लिए रख दें. 1 महीने बाद इस द्रव्य को छान कर रख दें, अरविंदसव तैयार है.
अरविंदासव सिरप के फायदे
- बच्चों के सर्वांगीण विकास में लाभकारी।
- इसके सेवन से बच्चों में कुपोषण दूर होता है।
- बच्चों के शारीरिक और मानसिक रुकावटों को दूर करता है।
- रिकेट्स (हड्डियों की वक्रता) वाले बच्चों में लाभकारी।
- बच्चों की हड्डियों का घनत्व बढ़ाने में फायदेमंद।
- बार-बार होने वाली खांसी में लाभकारी।
- अपच, पेट की गैस और कब्ज में लाभकारी।
- भूख न लगने की समस्या में लाभकारी।
- अतिसार में लाभकारी।
बच्चों की मानसिक समस्याओं में लाभकारी।
हमारे देश में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां बहुत अधिक गरीबी है, जिसके कारण बच्चों का पूर्ण विकास नहीं हो पाता है और बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से कुपोषित हो जाते हैं। जिससे बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं, जिनमें रिकेट्स को प्रमुख रूप माना जाता है।
इसके अलावा इसका बच्चों के लीवर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है, जिससे बच्चों को भूख नहीं लगती और उनका पाचन तंत्र खराब हो जाता है। जिससे बच्चे कमजोर दिखने लगते हैं। ऐसे में अरविंदासव देने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।
बच्चों को खाने-पीने का मन करता है और बच्चे मजबूत और स्वस्थ बनते हैं। इसलिए यदि बच्चों को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह पर ही अरविंदासव का प्रयोग करना चाहिए।
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पुरुषों के सूजाक में समस्याओं के लिए अरविन्दासवा सिरप के फायदे
जैसा कि हमने आपको अरविन्दासव पर बताया, यह शिशु के रोगों के अलावा कुछ अन्य रोगों में भी लाभ देता है। सूजाक में पुरुषों का पेशाब गाढ़ा हो जाता है और पेशाब करते समय पेशाब में जलन होती है और पेशाब के साथ मवाद भी आता है। जिससे व्यक्ति को काफी दर्द भी होता है। ऐसे में अरविन्दासव को चंदनासव के साथ देने से लाभ मिलता है।
महिलाओं की समस्याओं के लिए अरविंदासव सिरप के फायदे
महिलाओं के रक्तस्राव में भी अरविन्दासव का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए अरविन्दासव का प्रयोग प्रवाल पिष्टी, मुक्ताशक्ति पिष्टी, मोचरस, अशोक चूर्ण, अशोकारिष्ट और आंवला चूर्ण के साथ किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
खुराक और निर्देश
मात्रा बनाने की विधि
बच्चे 1 चम्मच (5 मिली)
वयस्क
2 से 4 बड़े चम्मच (10 से 20 मिली)
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Patanjali Arvindasava सेवन करने की विधि
अरविंदसव लेने का सबसे अच्छा समय (कब?)
- सुबह और रात के खाने के बाद
मुझे दिन में कितनी बार अरविन्दसव लेना चाहिए?
- 2 बार - सुबह और शाम
अनुपमा (किस साथ?)
- गुनगुने पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर
उपचार की अवधि (कितना समय लेना है)
- कम से कम 3 महीने या डॉक्टर की सलाह के अनुसार
Arvindasava Patanjali Side Effects in Hindi
आमतौर पर अरविंदासव का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है, लेकिन फिर भी आपको इस दवा का इस्तेमाल अपने डॉक्टर की सलाह और देखरेख में ही करना चाहिए।
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